हमारे जीवन में आहार व पोषण का बेहद ही गहरा संबंध है, अगर हमें स्वस्थ रहना है तो वाजिब सी बात है कि हमें पोषण आहार का सेवन करना होगा। इस बात पर शायद ही कोई होता है जो ध्यान देता है, इसलिए इससे अवगत कराने के लिए व हमारे जीवन में पोषण आहार का क्या महत्व है इसे बताने के लिए हम देशभर में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाते हैं जो कि हर साल 1 सितंबर से 7 सितंबर तक के बीच ही मनाया जाता है।
वैसे देखा जाए तो हर व्यक्ति को अच्छा दिखने व स्वस्थ महसूस कराने के लिए पूरे विश्व को राष्ट्रीय पोषण सप्ताह अभियान के द्वारा शिक्षित किया जा सकता है। इसके जरिए लोग अपनी रोज की खाने की थाली में संतुलित आहार को लेकर लोग जागरुक होंगे और तमाम तरह की बीमारियों से भी दूर होंगे।

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का महत्व
हालांकि इस सप्ताह के बारे में काफी कम लोग जानते हैं, यह हमारे देश में पोषण सप्ताह भी मनाया जाता है। इस सप्ताह में जो अभियान चलाए जाते हैं जिसमें पौष्टिक आहार के महत्व के बारे में लोगों को समझाना, विभिन्न प्रतियोगिताएँ, माताओं को पोषण संबंधी भाषण, सेमिनार और रोड शो आदि के द्वारा लोगों को जागरुक किया जाता है। आहार व पोषण से संबंधित लोगों के बेहतर स्वास्थ्य और भलाई के बारे में उनको जागरुक करने के लिये प्रति वर्ष 1 सितंबर से 7 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जाता है।
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हालांकि अच्छा दिखने और महसूस कराने के लिये पूरे विश्व को राष्ट्रीय पोषण सप्ताह अभियान के द्वारा शिक्षित किया जा सकता है। लोग अपने खाने की थाली और संतुलित आहार को लेकर लोग जागरुक हो सकते हैं जिससे वो अच्छा पोषण प्राप्त कर सकते हैं। हमें एक अच्छे स्वास्थ्य के लिये भरपूर अनाज, फल, हरी सब्जी, चिकनाई रहित दूध या दूध के उत्पाद, मीट, मछली, बादाम आदि खाना चाहिये। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का लक्ष्य एक स्वस्थ राष्ट्र बनाने का है जिसके लिये दूसरे अभियानों के साथ स्वीकृत प्रशिक्षण, समय से शिक्षा, सेमिनार, विभिन्न प्रतियोगिताएँ, रोड शो आदि के द्वारा समुदायों के लोगों के बीच पोषण संबंधी परंपरा की जागरुकता को फैलाने की जरुरत है।

सर्वे की मानें तो लोगों ने मीठे पेय पदार्थों का उपयोग शुरु कर दिया है जिसकी वजह से कम उम्र में ही लोग मोटापा और वजन बढ़ने से परेशान हो जा रहे हैं। 8 सितंबर 2010 में लोगों को पोषण संबंधी जागरुकता को बताने के लिये खाद्य विज्ञान विभाग तथा पोषण प्रबंधन ने एक दिवसीय उत्सव की स्थापना की। जिसके जरिए पोस्टर प्रतियोगिता, स्वस्थ हृदय के भोजन के लिये खाना पकाने की प्रतियोगिता, संतुलित आहार के लिये समझाना, बीएमआई को नापना, बीमारियों पर व्याख्यान, हृदय की सुरक्षा आदि शामिल हैं।
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राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का इतिहास
अब आप सोच रहे होंगे कि भला आखिरकार इसकी शुरूआत कैसे हुई कब हुई? तो बता दें कि पोषण शिक्षा के द्वारा अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 1982 में केन्द्रीय सरकार ने पहली बार इस अभियान की शुरुआत की क्योंकि राष्ट्रीय विकास के लिये मुख्य रुकावट के रुप में कुपोषण है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए व बढ़ावा देने के लिये खाद्य और पोषण बोर्ड की 43 यूनिट देशभर में काम कर रही है। वहीं खासकर नवजात शिशु को एक बड़े स्तर की प्रतिरक्षा और स्वस्थ जीवन उपलब्ध कराने के लिये 6 महीनों तक माँ का दूध या नवदुग्ध के रुप में जाना जाने वाला पहला दूध अपने नवजात को पिलाने के लिये दूध पिलाने वाली माँ को बहुत प्रोत्साहित किया जाता है।
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संदर्भ लेख : राष्ट्रीय पोषण सप्ताह, 1 -7 सितंबर 2017