हिंदूधर्म के लोग ये तो जानते ही हैं कि यह पितृ पक्ष का समय चल रहा है, इसे लेकर प्राचीन काल से ही शगुन-अपशगुन को लेकर कुछ मान्यताएं चलती आ रही है जिसे आज भी लोग मानते हैं। उसकी तरह से पितृ पक्ष को लेकर भी कुछ ऐसी बातें हैं जिसे आजतक सभी मानते आए हैं। कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दिनों में कौए को ग्रास दिया जाता है, ऐसा इसलिए है क्योंकि मान्यता है कि कौए पितर का रूप होते हैं और वो इन दिनों में अपने परिवार से मिलने कौए के रूप में धरती पर आते हैं।
पितृपक्ष में कौओं को भोजन देने का विशेष महत्व होता है। कौआ यमराज का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि कौआ आपके श्राद्ध का भोजन ग्रहण कर लेता है, तो आपके पितर आपसे प्रसन्न और तृप्त माने जाते हैं। यदि कौआ भोजन नहीं करता है तो इसका अर्थ है कि आपके पितर आपसे नाराज और अतृप्त हैं। हालांकि कौए से जुड़ी और कई मान्यताएं भी है जिसका जिक्र शकुन शास्त्र में किया गया है तो आइए जानते हैं कि शास्त्रों में कौए का दिखना कब अशुभ माना जाता है और कौए का दिखना कब धन लाभ देता है?

कौए से जुड़ी मान्यताएं | पितृ पक्ष 2020
सबसे पहले बता दें कि अगर आपके घर के सामने सुबह के वक्त कौआ बोलता हुआ नजर आता है तो यह शुभ संकेत है। माना जाता है कि यह आपके घर में कोई मेहमान आने का संकेत है, यह मान-सम्मान और धन आगमन का संकेत भी माना जाता है।
वहीं ठीक इसके विपरीत अगर आपके पीछे की तरफ से कौए की आवाज सुनाइर् दे तो समझ जाएं कि आपके जीवन की सारी समस्याएं जल्द ही समाप्त होने वाली हैं। इतना ही नहीं चोंच से भूमि खोदते हुए कौए को देखना भी धन लाभ का संकेत माना जाता है।
अगर किसी महिला के सिर पर कौआ बैठ जाए तो माना जाता है कि उस महिला के पति पर संकट आने वाला है। ध्यान रहे कि अगर अगर कौआ बहुत तेज आवाज में चिल्लाते हुए दिखे और अपने पंखों को जोर-जोर से फड़फड़ाए तो यह अपशगुन कहा जाता है।
कहा तो ये भी जाता है कि अगर आप कभी रास्ते में जा रहे हैं और आपको पानी पीते हुए कौआ दिखे तो यह आपको धन लाभ होने का संकेत हो सकता है। किसी काम में सफलता भी मिलती है। इसी तरह से रोटी का टुकड़ा या खाने का तिनका चोंच में दबाए हुए कौआ नजर आए तो ये सभी संकेत धन लाभ के ही होते हैं।
अगर आपके घर में कभी अचानक कौए का झुंड आ जाता है और काफी तेज आवाज में चिल्लाता है तो समझ जाएं कि कुछ अपशगुन होने वाला है।

यह भी पढ़ें : सुदर्शन चक्र: कैसे हुई भगवान विष्णु को चक्र प्राप्ति ?(Sudarshan Chakra: How did Lord Vishnu attain the Chakra?)
कौए का महत्व| पितृ पक्ष 2020
दरअसल कौए का इतना महत्व होने के पीछे भी एक कहानी छिपी है जिसमें बताया गया है कि भगवान राम ने त्रेतायुग में कौए को आर्शीवाद दिया था। एक बार की बात है जब एक कौए ने माता सीता के पैर में चोंच मार दी, उसी समय भगवान राम ने तिनके का बाण चलाया था जिससे उसकी एक आंख फूट गई थी। ऐसा करने पर उन्हें बाद में पश्चातावा हो रहा था और तभी उन्होने कौए से माफी मांगी।इसके साथ ही भगवान राम ने उसे आशीर्वाद दिया कि तुम को खिलाया गया भोजन पितरों को प्राप्त होगा। तब से पितृपक्ष में कौओं को भी श्राद्ध के भोजन का एक अंश दिया जाने लगा।
इसके अलावा धार्मिक मान्यताओं की मानें तो कौओं को देवपुत्र माना जाता है। व्यक्ति जब शरीर का त्याग करता है और उसके प्राण निकल जाते हैं तो वह सबसे पहले कौआ का जन्म पाता है। माना जाता है कि कौआ का किया गया भोजन पितरों को ही प्राप्त होता है।
Spark.live पर मौजूद पंडित दयानंद शास्त्री से संपर्क करने के लिए यहां क्लिक करें

वास्तुदोष, गृह क्लेश या पूजा पाठ संबंधी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो Spark.live पर मौजूद पंडित दयानन्द शास्त्री हैं, जो कि वास्तु शास्त्र में महारथ हासिल है। इसके अलावा घर में रहने वाली नकारात्मक शक्तियों को वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ पंडित दयानन्द शास्त्री से परामर्श ले सकते हैं।
संदर्भ लेख : श्राद्ध में कौए के माध्यम से ऐसे मिलता है पितरों का आशीर्वाद, धन प्राप्ति के देते हैं ये संकेत