डांस को एक कला की संज्ञा दी गई है लेकिन आज के समय में इसे लेकर विभिन्न लोगों की अलग-अलग धारणाएं हैं। कोई डांस को भावनाओं के व्यक्त करने का सबसे बेहतर आयाम मानता है तो कोई इसे फिटनेस थेरेपी के रूप में प्रयोग करता है। इस जमाने में डांस के कई सारे रूप सामने आए हैं और देखते ही देखते डांस का क्षेत्र एक बेहद ही विस्तृत रूप लेते जा रहा है।
जब भी हमारे बीच कभी डांस की बात उठती है तो कई बार कुछ ऐसा महसूस होता है कि सालों से मन के अंदर कुछ दबा हुआ है और बाहर आने को आतुर है। जब आप खुश होते हैं तो अपने आप आपके कदम थिरकने लगते हैं। ऐसा उन्हीं लोगों के साथ होता है जो डांस में रूचि रखते हैं और ऐसे में वो बेहतर रूप से जानते हैं कि डांस वास्तव में आपकी मन की वो कहानी है जो अपने भावों, ताल और रिदम से सब कुछ बयां करना चाहती है।

अक्सर हम ख़ुशी का प्रदर्शन भी डांस के रूप में ही कर लेते हैं और ऐसे में खुद को रोकना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। पर समस्या तब होती है जब कुछ लोग अपनी इस खुशी को भी व्यक्त करने में झिझकते हैं, जी हां क्योंकि उनके मन के किसी कोने में कहीं न कहीं ये बैठा होता है कि वो अच्छा डांस नहीं करते या फिर उन्हें डांस करना बिल्कुल नहीं आता।
बात करें भारत के प्राचीन इतिहास की तो उसमें भी डांस यानि की नृत्य को मानवीय अभिव्यक्तियों का एक प्रदर्शन माना गया है। भारतीय संस्कृति एवं धर्म में भी नृत्यकला की चर्चा हुई है। हिन्दु देवी-देवताओं को ये कला बेहद ही प्रिय थी, तभी तो देवी-देवताओं के युग में भी नृत्यांगनाएं हुआ करती थीं। अगर आपको नृत्य कला के बारे में थोड़ी बहुत भी जानकारी होगी तो आपको भगवान शंकर के नटराज रूप के बारे में जरूर पता होगा, उनका पंचकृत्य से संबंधित नृत्य सृष्टि की उत्पत्ति- स्थिति एवं संहार का प्रतीक भी है।

इसका एक अन्य पहलू भी है जिसे एक बहुत ही अच्छा तनाव रिलीवर माना गया है, ऐसा इसलिए क्योंकि नियमित रूप से डांस थेरेपी का प्रयोग शारीरिक रूप से आपको फिट ही नहीं रखता, शरीर का दर्द और तनाव भी कम कर देता है। हेल्थ व कला के इस समन्वय को आज एक बेहतर करियर स्कोप के रूप में भी देखा जा रहा है। आजकल टीवी पर तमाम रियलिटी शोज भी आते हैं जो डांस के क्षेत्र में न सिर्फ युवाओं व बच्चों को बल्कि महिलाओं को भी आगे बढ़ने का मौका देते हैं।
डांस कर रह सकते हैं फिट
वैसे एक बात और है कि जब से लॉकडाउन हुआ है तब से ये साफ साफ देखने को मिल रहा है कि लोग घर बैठे फिट रहने के तमाम तरीके खोज रहे हैं क्योंकि वो इन दिनों न जिम जा सकते हैं और न ही किसी योगा क्लास में। अगर आपने कभी अपने मन में डांस सिखने का सपना संजोया होगा और किसी वजह से पूरा नहीं हो पाया तो आप लॉकडाउन की इस घड़ी का भरपूर फायदा उठा सकते हैं। इस समय आपकी साथी व एक बेहतरीन प्रशिक्षक के रूप में आपका साथ दे सकती हैं पेशेवर डांस ट्रेनर ज्योति कत्याल।

ज्योति का मानना है कि “अगर आप अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं तो उसके लिए जरूरत है बस सही प्रशिक्षण की और वो इसमें आपकी सहायता करेंगी। अपने कौशल से वह गैर-नर्तकियों को किसी भी अवसर पर प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त आश्वस्त होना सिखा सकती हैं।“
जीवी स्टूडियो, एफडीए में ट्रेनिंग प्राप्त ज्योति से आप डांस के सभी आयामों को जानेंगे। इस सत्र में ज्योति आपको डांस के अलावा उसका फिटनेस थेरेपी में प्रयोग भी बताएंगी। बेसिक से शुरूआत कर नृत्य कला के विभिन्न रूपों से ज्योति आपको रूबरू कराएंगी। हरियाणा के अंबाला की ज्योति ने लोक नृत्य में डिप्लोमा के साथ दो साल का अनुभव भी प्राप्त किया है।
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