आज हिंदी दिवस है हालांकि इस आधुनिक जमाने में काफी कम लोगों को यह दिन याद रहता है। हो भी क्यों न भला आजकल तो अंग्रेजी का बोलबाला है, सभी बच्चे स्कूलों में ज्यादातर अंग्रेजी भाषा का ही प्रयोग करते हैं। समय के साथ साथ कान्वेंट स्कूलों की डिमांड भी बढ़ती गई और आज देखा जाए तो बच्चा बच्चा इंग्लिश बोलने में एक्सपर्ट होते जा रहा है।
ऐसे में इन सबके बीच आज हम आपको हिंदी दिवस की याद दिला रहे हैं जो पूरे भारत में हर साल आज के दिन यानि की 14 सितंबर को ही मनाया जाता है। देश की राष्ट्र भाषा होने के बावजूद कई जगहों पर हिंदी को वो सम्मान नहीं मिलता है और अंग्रेजी हिंदी भाषा पर भारी पड़ने लगता है यही कारण है कि हिंदी की महत्वता को याद रखने के लिए हिंदी दिवस का आयोजन किया गया।

इन सबके बावजूद आपके मन में एक सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर हिंदी तो एक भाषा है इसका कोई एक दिन कैसे हो सकता है? क्या इस दिन के पहले हिंदी का अस्तित्व नहीं था? इन तमाम सवालों के जवाब आपको आज हम इस लेख में देंगे। तो आइए जानते हैं हिंदी दिवस का अर्थ, इसका इतिहास, महत्व एवं इस दिन होने वाले आयोजनों के बारे में सब कुछ।
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14 सितंबर को ही क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस?
हिंदी दिवस के बारे में विस्तार से जानने से पहले ये जानते हैं कि आखिर 14 सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है यह दिवस? दरअसल 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा द्वारा यह फैसला किया गया था कि हिंदी हमारे देश भारत की राजभाषा होगी। इस फैसले के बाद से ही हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 14 सितम्बर,1953 से पूरे भारत में हर साल इसी दिन हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
इसके अलावा एक तथ्य यह भी बताया जाता है कि 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी के पुरोधा व्यौहार राजेन्द्र सिंहा का 50-वां जन्मदिन था, जिन्होंने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए बहुत लंबा संघर्ष किया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करवाने के लिए काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारीप्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्ददास आदि साहित्यकारों को साथ लेकर व्यौहार राजेन्द्र सिंह ने अथक प्रयास किए।
ऐसे मनाते हैं हिंदी दिवस
इस दिन विशेष रूप से हिंदी के प्रति सम्मान भाव प्रकट करने के ध्येय से कई आयोजन किया जाता है। यही नहीं सरकारी व निजी कार्यालयों में इस दिन सारे संवाद हिंदी में किए जाने की कोशिशों के बीच, अभिव्यक्ति के तमाम मंचों पर हिंदी की बातें की जाती हैं। यही नहीं इसके अलावा सरकारी विभागों में हिंदी की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। साथ ही हिंदी प्रोत्साहन सप्ताह का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर स्कूल, कॉलेज, और यूनिवर्सिटी में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
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भारत के अलावा इन देशों में भी हिंदी का चलन
आपको शायद यह सुनकर यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन सच तो यह है कि भारत के अलावा अन्य कई देशों में भी हिंदी बोली जाती है। जैसे नेपाल, अमेरिका, मॉरिशस, फिजी, द.अफ्रीका, सूरीनाम, युगांडा के अलावा कई अन्य देश और भी हैं जहां पर हिंदी बोली जाती है। नेपाल में करीब 80 लाख हिंदी बोलने वाले रहते हैं। वहीं अमेरिका में हिंदी बोलने वालों की संख्या करीब साढ़े छह लाख है।
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संदर्भ लेख : हिंदी दिवस: जब हम खुद बढ़ाएंगे हिन्दी का मान, तभी बढ़ेगा उसका सम्मान