ये समय काफी चिंताजनक चल रहा है दुनियाभर के लोग कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं ऐसे में WHO की मानें तो बच्चों व बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं पर ज्यादा खतरा मंडरा रहा है। वैसे आज हम बात करेंगे विशेषरूप से जन्मजात बच्चों की जिनके लिए मां का दूध काफी ज्यादा अहमियत रखता है। ये सप्ताह ‘वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक 2020’ (World Breastfeeding Week 2020) के रूप में मनाया जा रहा है जो कि 1 से 7 अगस्त तक चलेगा।
आपने कई बार सुना होगा कि मां का दूध बच्चे के लिए अहम होता है। जन्म के बाद एक शिशु के लिए मां का दूध ही सर्वोत्तम आहार है। शिशु को कम से कम 6 महीने तक मां का दूध जरूर पिलाना चाहिए। इससे बच्चा कई रोगों से बचा रहता है। उसका शारीरिक और मानसिक विकास बेहत तरीके से होगा हड्डियां मजबूत होती हैं। बाल रोग विशेषज्ञ बताते हैं, जन्म के पहले घंटे में स्तनपान कराना जरूरी है। वही बच्चे का पहला टीका होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। छह माह तक केवल मां का दूध जरूरी होता है।

लेकिन यह भी सच है कि इस बदलती जीवनशैली में अधिकांश माताओं द्वारा बच्चों को बोतल वाला दूध ही पिलाया जाता है। चिकित्सक की मानें तो यह आदत बच्चों की सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह होते हैं। विशेषज्ञ का कहना है कि शिशु को लगातार बोतल बंद दूध पिलाने से वह एयरोफीजिया का शिकार हो जाता है। इससे पेट दर्द और दस्त की समस्या बढ़ जाती है। कई बार यह स्थिति बेहद घातक साबित हो जाती है।
हालांकि जिस तरह से शिशु के लिए मां का दूध जरूरी होता है ठीक उसी तरह से एक मां के लिए भी अपने बच्चे को स्तनपान कराने के कई फायदे होते हैं। वैसे देखा जाए तो इस कोरोना महामारी के दौर में नवजात शिशुओं की देखभाल का खास ख्याल रखना जरूरी हो गया है क्योंकि जरा सी भी लापरवाही उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए ऐसे में आप अपने शिशु को अपना दूध पिलाएं ही इसके साथ ही साथ साफ-सफाई का खास ख्याल भी रखें। शिशु की इम्यूनिटी कमजोर होती है, ऐसे में किसी भी तरह के संक्रमण का खतरा अधिक रहता है।
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ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
वैसे कुछ बातें हम आपको बताने जा रहे हैं जो हर मां को अपने शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराते समय ध्यान रखना चाहिए। नई मां के लिए शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराना थोड़ा मुश्किल भरा काम होता हैं क्योंकि मां को भी अपने शिशु को बेहतर तरीके से ब्रेस्टफीड कराने का तरीका नहीं पता होता।
टाइट कपड़े न पहनें
बाल विशेषज्ञ व चिकित्सक का कहना होता है कि प्रसव के बाद कभी भी कसी हुई ब्रा या फिर टाइट कपड़े ना पहनें, इससे दूध पिलाने में परेशानी आ सकती है। ध्यान रहे कि इस दौरान सूती ब्रा पहने, जिसमें मुलायम इलास्टिक का इस्तेमाल किया गया हो।
ब्रेस्टफीडिंग के बाद करें मसाज
चिकित्सकों का कहना होता है कि शिशु को दूध पिलाने के बाद बेबी वाइप से उसे साफ जरूर करना चाहिए इसके साथ ही समय निकालकर अपने ब्रेस्ट को नारियल, बेबी लोशन या फिर बेबी ऑयल से स्तन की मसाज करें। ऑयल से मसाज करने पर स्तन ढीला नहीं होता है। आप चाहें तो स्तन का मसाज बेबी के थूक या फिर अपने दूध से भी कर सकते हैं, ये जर्म फ्री और प्राकृतिक होता है।

फीडिंग के दौरान शिशु को सोने न दें
शिशु को जब भी आप फीड कराएं, शिशु पर नजर रखें। कई बार शिशु आधे में ही सो जाते हैं और उनका पेट भरा नहीं होता। ऐसे में वह जल्दी ही जाग जाता है और चिड़चिड़ा हो जाता है। इसलिए आप ध्यान दें अगर वह आधा पेट दूध पीते हुए सो गया तो उसके गालों पर प्यार भरी थपकी दे कर जगा दें। शिशु का पेट भरा होगा तभी वह शांत रहेगा और आप निश्चिंत। इसलिए उसे कभी जल्दीबाजी में फीड न कराएं। इतमिनान से उसे गोद में लेकर फीड कराएं।
फीडिंग कराते समय ब्रेस्ट पर लगाएं शहद
डॉक्टर्स शिशु को छह महीने तक ब्रेस्टफीडिंग कराने की सलाह देते हैं। छह महीने के अंदर कुछ शिशुओं को दांत निकलने लगते हैं, ऐसे में वे कभी-कभी आपके ब्रेस्ट पर काट भी सकते हैं। इसलिए बच्चों को थोड़ा सा गाइड करें। ब्रेस्ट पर शहद लगाएं, ताकि शिशु का मुंह कहीं और ना जाए।
बोतल से दूध पिलाते समय इन बातों का रखें ख्याल
यदि बोतल से दूध पिलाना ही है तो पहले बोतल और निपल को 20 मिनट तक पानी में उबालें। बोतल में बचे हुए दूध को फेंक दें रखा हुआ दूध दोबारा प्रयोग करने से पेट खराब हो सकता है। ध्यान रहे कि बोतल बंद दूध पीने वाले बच्चे अक्सर पेट संबंधी बीमारियों से परेशान रहते हैं।

शिशु के स्वास्थ्य का ध्यान देना हर मां बाप का कर्त्तव्य होता है ऐसे में इस लॉकडाउन में अपने बच्चें को डॉक्टर के यहां ले जाने में भी डर लगता है। हमारे नेटवर्क पर मौजूद बाल रोग विशेषज्ञ और बाल स्वास्थ्य विशेषज्ञ श्वेता जिंदल इस कठिन घड़ी में आपकी मदद के लिए तैयार हैं। आप चाहे तो उनसे अपने शिशु के सेहत की समस्या पर परामर्श ले सकती हैं। डॉ. श्वेता जिंदल एक बाल रोग विशेषज्ञ हैं। इन्हें भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में दस वर्षों के अनुभव के साथ एक सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवर हैं। इसके अलावा वर्तमान में, वह COVID-19 प्रतिक्रिया टीम का एक हिस्सा है। वह 16 साल तक के शिशुओं, बच्चों और किशोरों के लिए चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में माहिर हैं।