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Hindi
वैवाहिक जीवन में अलगाव के कारण आर्थिक और सामाजिक अवश्य होते हैं लेकिन इसके अलावा देखा जाए तो प्रधान कारण मनोवैज्ञानिक होते हैं। जी हां पति-पत्नी में अनेक अज्ञात भावनाएं प्रसुप्त इच्छाएं पुराने संस्कार, कल्पनाएं होती हैं। जो अप्रकट रूप से प्रकाशित हो जाती है।
आपने देखा होगा जब दो लोग वैवाहिक बंधन में बंधते हैं तो वो बेहद करीब होते हैं लेकिन कुछ समय के बाद उनका पारस्परिक आकर्षण न्यून होता देखा जाता है। कई बार तो ऐसा भी होता है कि बाद में वे परस्पर घृणा तक करने लगते हैं। इस घृणा के कई कारण होते हैं। अगर आपको भी लगता है कि आपका वैवाहिक जीवन सही नहीं चल रहा है तो आप हमारे नेटवर्क पर मौजूद नैदानिक मनोवैज्ञानिक से मदद ले सकते हैं।
ये अपने इस फ्री वर्कशॉप में विशेष रूप से इसी मुद्दे पर बात करेंगी यही नहीं इसके अलावा आपकी समस्याओं का समाधान भी बताएंगी।
Varanasi
पायल जायसवाल एक अनुभवी नैदानिक मनोवैज्ञानिक होने के साथ साथ एनएलपी (न्यूरो-लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग) प्रैक्टिशनर भी हैं। इन्हें इस क्षेत्र में तीन वर्षों से भी अधिक का अनुभव है।
पायल ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से मनोविज्ञान और नैदानिक मनोविज्ञान में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री भी प्राप्त की है। इसके अलावा इन्होने ग्रेटर नोएडा स्थित गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय से क्लीनिकल साइकोलॉजी में एमफिल भी किया है, हालांकि पायल को माइंडमास्टर्स की तरफ से एनएलपी प्रमाणन पत्र भी प्राप्त है।
पायल ने ANVITA में एक सलाहकार नैदानिक मनोवैज्ञानिक के रूप में भी काम किया है जो कि मनोवैज्ञानिक समाजिक पुनर्वास केंद्र हैं और अशोका न्यूरो-मनोरोग अस्पताल और डी-एडिक्शन सेंटर में भी इन्होने काम किया है।
वर्तमान समय में वो एक नैदानिक मनोवैज्ञानिक के रूप में काम कर रही है इसके साथ ही साथ वो द साइकोलोजिस्ट एसोसिएशन की उपाध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा वो धीरेंद्र महिला महाविद्यालय में एक सहायक प्रोफेसर भी हैं।
एक समग्र दृष्टिकोण का उपयोग करके, पायल नैदानिक मनोवैज्ञानिक और मनोसामाजिक मुद्दों से पीड़ित लोगों को परामर्श और सीबीटी (संज्ञानात्मक-व्यवहार चिकित्सा) प्रदान करती है।